मॉब लिंचिंग का अर्थ, कारण, उपाय (Mob Lynching in hindi) सुप्रीम कोर्ट का निर्देश एवं नए कानून की आवश्यकता क्यों

Mob Lynching in hindi

जानें मॉब लिंचिंग (Mob Lynching in hindi) के बारे सम्पूर्ण जानकारी हिंदी में की mob lynching का अर्थ क्या है और इसकी बढ़ती घटनाओं के मुख्य कारण, वजह एवं इसे रोकने के सुझाव। मानव एक सामाजिक प्राणी है और समूह में रहना ही हमेशा से मानव की एक प्रमुख विशेषता रही है जो उसे सुरक्षा का एहसास कराती है, लेकिन आज जिस तरह से यह समूह एक उन्मादी भीड़ में बदलता जा रहा है उससे हमारे अंदर सुरक्षा कम होती जा रही है और डर की भावना बैठती है भीड़ अपने लिए एक अलग तरह के तंत्र का निर्माण कर रही है जिसे आसान भाषा में हम भीड़तंत्र या मॉब लिंचिंग (Mob Lynching) कहते है।

भीड़ के हाथो हो रही लगातार हत्याए देश के लिए एक चिंता का विषय बनता जा है। आए दिन कोई न कोई व्यक्ति हिंसक भीड़ का शिकार हो रहा है।

पिछले कुछ वर्षो से भारत में मॉब लिंचिंग की घटनाए बढ़ती जा रही है। भारत में सबसे पहले गौ हत्या के नाम आरोप लगाकर हिंसा के रूप में मॉब लिंचिंग के शुरुआत हूई, उसके बाद कभी बच्चा चोरी या अपहरण या अन्य अपराधों के नाम पर मॉब लिंचिंग है, इसके अलाव सोशलमीडिया पर गलत (झूठी) खबरों को फैलाकर भी मॉब लिंचिंग को बढ़ावा दिया जाता है।

मॉब लिंचिंग का अर्थ ? (Mob Lynching in hindi)

(meaning of mob lynching in hindi) जब किसी भीड़ द्वारा कानून को अपने हाथो में लेकर या कानून की परवाह किए बिना अफवाह या किसी अन्य कारण से किसी को पीट-पीटकर हत्या कर देना मॉब लिंचिंग या भीड़ हत्या कहा जाता है।

मॉबलिंचिंग क्या है (mob lynching kya hai / what is mob lynching in hindi)

(what is mob lynching in hindi) यह एक तरह की हिंसा है, जिसमे बिना किसी प्रकार की क़ानूनी जांच प्रकिया के न्याय करने में विश्वास किया जाता है। इसमें जनता कानून व्यवस्था परवाह किये बिना कानून को अपने हाथ में लेकर आरोपी व्यक्ति को मानव अधिकार दिए बिना ही उसकी हत्या कर देते है कि अत्यंत कष्टदायी तथा यातना पूर्ण है, अपराधी के अंग-भंग कर दिए जाते है इसके परिणाम स्वरूप व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है

लिन्चिग कानून के तहत यह एक स्वनिर्मित अदालत होती है जिसमे बिना किसी कानून कार्यवाही के व्यक्ति को अपराधी मानकर उसे सजा दे दी जाती है। इस प्रकार की घटना किसी अनियत्रित भीड़ या समुदाय विशेष लोगो द्वारा की है तब उसे मॉबलिंचिंग कहा जाता है।

क्यों होती है ये घटनाए ? (why mob lynching in hindi)

जब बहुसंख्यक और अल्पस्ख्यक समुदाय के बीच अविश्वास एक गहरी खाई होती है तब दोनों समुदाय एक-दुसरे को संदेह की नजर से देखते हुए आपस में एक- दुसरे को उकसाते है और मौका मिलते ही एक-दुसरे से बदला लेने का प्रयोग करते है।

मॉबलिंचिंग क्या है (mob lynching kya hai / what is mob lynching in hindi)
मॉबलिंचिंग (mob lynching)

मॉब लिंचिंग के कारण (mob lynching reasons in hindi)

वैसे तो मॉब लिन्चिग के बहुत से कारण है भारत देश में तो इस प्रकार की घटना होती रहती है और इसके बहुत से कारण भी रहे है लेकिन वर्तमान समय में मॉब लिंचिंग मुख्य है जो इस प्रकार है –

गलत अफवाह

लिंचिंग का सबसे मुख्य कारण यही है कि यहा की जनता गलत अफवाहों में आ जाती है वर्तमान समय में 99% सोशल मिडिया का प्रयोग करती है सोशल मिडिया पर लोग गलत-गलत या बेबुनियाद खबरों डाल देते है और उस पर सोशल मिडिया का प्रयोग करने वाले लोग उन खबरों पर विश्वास करके एक उग्र के रूप सड़को पर न्याय के लिए आ जाते है। और बिना जांच किये ही जिसे आरोपी मानते उसे पीट-पीटकर मर जाता है।

बच्चा चोरी आरोप

बच्चा चोरो आरोप भी मॉब लिंचिंग का एक मुख्य कारण है इसमें जब किसी के द्वारा यह कहा जाता है कि उस व्यक्ति द्वारा किसी बच्चे की चोरी की गए है। तब उस मोहल्ले की जनता और पड़ोसी लोग एकत्रित होकर बच्चा चोरी के बारे में पता किये बिना ही आरोप लगाए गए व्यक्ति को खोज कर सुनवाई दिए बिना ही जनता द्वारा कानून की परवाह नहीं करते हुए, उस व्यक्ति को पीट-पीटकर मार दिया जाता है।

इसके कारण कई मानसिक रूप से विक्षित व्यक्तियों तथा घरो – अस्पतालों में काम करने वाले मजदूरो तथा नर्सो आदि को अपनी जान से हाथ धोने पड़े है। एक रिपोर्ट के अनुसार पिछले कुछ समय में 10 राज्यों में कम से कम 30 लोगो को बच्चा चोरी के आरोप में उग्र भीड़ द्वारा जान से मार दिया गया है।

उचित कानून व्यवस्था का अभाव

भारत एक लोकतंत्र वाला देश है यह पर सरकार द्वारा जनता के हित में अनेक कानून बनाये जाते है पर उन को सही से लागू नहीं कराया जाता है जिसके कारण यहा की जनता को कानून व्यवस्था पर विश्वास नहीं रहा है सही रूप से कानून नहीं होने के कारण प्रति वर्ष अपराधों में बढ़ोतरी होती जा रही है जिसके परिणाम स्वरूप लोग स्वयं के द्वारा ही निर्णय करना उचित समझते है।

उचित कानून व्यवस्था के अभाव में गौ- हत्या, बच्चा चोरी, अपहरण, रेप आदि मामलो में जब लोगो की उग्र भीड़ एकत्रित होकर आरोपी को पीट-पीटकर मार दिया जाता है तब इस प्रकार की हत्या यह साफ दर्शाती है कि जनता को न तो कानून पर और न ही पुलिस पर कोई भरोसा रहा है।

मॉब लिंचिंग पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्देश (mob lynching guidelines by supreme court)

  1. देश में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की जाने वाली हत्या यानी मॉब लिंचिंग की बढ़ती घटनाओं को रोकने के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने कहा है कि यदि मॉब लिंचिंग के खिलाफ एक नया और सख्त कानून बनाए और यह कानून सभी राज्यों में लागू किया जाए।
  2. न्यायालय ने इस संबंध में खा है कि कोई भी नागिरक अपने आप में कानून नहीं बन सकता है। लोकतंत्र में भीड़तंत्र की इजाजत नहीं दी जा सकतीं। साथ ही न्यायालय ने राज्यों की सरकारों को भी सख्त आदेश दिया, कि वे संविधान के अनुसार काम करे। कोर्ट ने सरकार को इन बढ़ती हुई घटनाओ को अनदेखी नहीं करने के भी निर्देश दिए है।
  3. इस दिशा निर्देश में सर्वोच्च न्यायालय ने सोशल मिडिया पर भड़काऊ भाषण, सन्देश भेजने तथा वीडियो लगाने इत्यादि लेकर निगरानी करने का निर्देश सरकार को दिया है। जबकि पूर्व एक मामले ने सरकार पर सर्विलांस स्टेट बनने की टिप्पणी की थी।
  4. कोर्ट ने राज्यों और केंद्र सरकार को मॉब लिंचिंग की घटनाओं को रोकने के लिए इससे संबधित दिशा – निर्देश के चार हफ्तों में लागू करने का आदेश दिया है।

नए कानून की आवश्यकता क्यों ? (why required new law on mob lynching in hindi)

  • भारत में कानून तो बहुत है पर उन कानूनों का पालन सही एवं निष्ठां से नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण अपराधों वृद्वि होती जा रही है। कानून को लागू करने की जिम्मेदारी व्यवस्थापिका की होती है लेकिन कार्यकारी स्तर पर ही लचरता के कारण अपेक्षित परिणाम प्राप्त नहीं होता है।
  • राजनैतिक हस्तक्षेप और अपराधियों को आश्रय देने के कारण वर्तमान समय में इन अपराधियों का मनोबल बढ़ता है इस राजनैतिक हस्तक्षेप और आश्रय को बंद के लिए भी ने कानून की आवश्यकता है।
  • कानून को लागू करने वाले तंत्र में अपेक्षित समर्पण और व्यावसायिक योग्यता की कमी है। प्राचीन काल में अपराध करने वाले व्यक्ति को इस प्रकार की यातना दी जाती थी, कि वो दुबारा अपराध करने प्रयास भी नहीं करता था। वर्तमान समय में तो इस प्रकार के है कि अपराधी पून: अपराध कर भी लेता है फिर भी प्रशासन कड़ी कार्यवाही नहीं करता है
  • वर्तमान सामाजिक परिस्थियों और समय के हिसाब से भी विधमान कानून में संशोधन या नए कानूनों की आवश्यकता है।

मॉब लिंचिंग को रोकने के उपाय (how to stop mob lynching in hindi)

  • वर्तमान कानूनों का कठोरता से पालन किया जाना चाहिए। इस तरह की घटनाओ को रोकने के लिए शुरुआती कदम उठाते हुए घटना पर तुरंत कार्यवाही की जानी चाहिए।
  • अपराधियों को राजनैतिक आश्रय प्रदान न करते हुए उनके लिए सख्त सजा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
  • हर परिस्थिति में निवारक उपायों का क्रियान्वयन संभंव नहीं है, अत: पुलिस को ऐसी स्थिति में में उचित कदम उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
  • विशषज्ञ,कानूनविदों आदि की व्यवस्था की जानी चाहिए। ताकि अपराधी कानून की कमियों का फायदा नहीं उठा सके।
  • अभी तक आम हत्या और भीड़ द्वारा की गई हत्या को कानून की नजर में एक ही माना जाता है। इन दोनों को कानून में अलग- अलग परिभाषित किया जाना चाहिए।
  • भीड़ द्वारा की गई हत्या की पहचान करनी होगी। और उसके बाद उस पर दहेज रोकथाम अधिनियम और पॉस्को अधिनियम की तरह एक सख्त और नया कानून बनाना होगा।
  • युवाओ में खराब खबरों और अफवाहों का प्रसार – प्रचार न करने की जागरूकता लानी होगी।
  • सोशल मिडिया को भी अफवाह फैलाने से रोकना होगा। और अफवाह फैलाने वालो के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जानी चाहिए।

निष्कर्ष (conclusion of mob lynching in hindi)

विगत वर्षो में हमने देखा कि जैसे ही टेक्नोलॉजी को मानव सभ्यता के लिए वरदान माना गया था। वही टेक्नोलॉजी आज वर्तमान समय में कुछ गलत लोगो के हाथ में पड़ गयी है। जिसका ये लोग गलत खबरों एवं अफवाहों प्रसार – प्रचार करने के लिए प्रयोग की जा रही है।

जिसके परिणाम स्वरूप किसी भी मासूम व्यक्ति की हत्या कर दी जाती है। हाल ही के दिनों में सोशल नेटवर्किग साइट्स जैसे कि फेसबुक, ट्विटर तथा व्हाट्सप द्वारा झूठी खजबरे फैलाने के कारण ही मॉब लिंचिंग के मामले सामने आए है। यधपि इन साइट्स को संचालन करने वाले लोगो द्वारा फेक न्यूज के प्रभाव को कम करने के लिए बात करते रहते है। परन्तु ये कदम इस अपराध को रोकने तथा कम करने मे बिलबुल प्रभावशाली साबित नहीं हो पाए है।

आज के समय में इन साइट्स के प्रयोग संबधी कुछ कड़े प्रावधानो को अपनाने की आवश्यकता है, जिससे कि इसके माध्यम से फैलने वाली खबरों की सत्यता की परख की जा सके तथा गलत खबरों के प्रति लोगो को जागरूक किया जा सके। और गलत खबरों को फैलाने वाले का पता करके उसके खिलाफ सख्त कार्यवाही की जा सके।